प्रिय पाठकों, हाल ही के दिनों में की गई खोज से यह पता चला है कि ब्रेड टोस्ट को अधिक पकाने या भूनने पर उसका रंग गाढ़ा काला या लाल हो जाता हैं| ऐसे में एक रसायन बनने लगता है जिसका नाम है-एक्रिलामाइड, जो कि कैंसर का प्रमुख कारण है|
दैनिक जीवन शैली में अधिकतर लोग सुबह के नाश्ते में ब्रेड टोस्ट लेना ही पसंद करते है| ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यह आसानी से बेहद कम समय में तैयार किया जा सकता है और जल्दी ही नाश्ता किया जा सकता है| स्कूल जाने वाले और ऑफिस में काम करने वाले सभी लोगो को जल्दी ही जाना पड़ता है, इसके चलते वे ब्रेड टोस्ट जैसा नाश्ता करते हैं| मगर यह उनकी सेहद के लिहाज से बिल्कुल भी ठीक नहीं है|
हाल ही में हुई शोद से ज्यादातर एक्सपर्ट्स का यही मानना है कि जल्दी के चक्कर में अधिकतर लोग जला हुआ या फिर ज्यादा पका हुआ ब्रेड खा लेते है, जिससे उनकी हेल्थ पर बहोत ही दुष्प्रभाव देखने को मिलता हैं| इसका नुकसान इस कदर बढ़ने लगा है कि लोग कैंसर जैसी घातक बिमारी के शिकार होने लगे हैं| मगर अभी पुख्ता सबूतों की कमी के चलते यह पक्का नहीं कहा जा सकता है|
ज्यादा मात्रा में स्टार्च और शर्करा वाले भोजन खाने से होने वाले नुकसान
यह रोग सिर्फ ब्रेड टोस्ट खाने से ही नहीं बल्कि उन सभी खाने-पीने की चीजों के कारण भी फ़ैल रहा है जिनमें स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती हैं| ऐसे खाने में कॉफ़ी, बादाम, फ्रेंच फ्राईज, चोकलेट, आलू के चिप्स, ब्रेड भी शामिल है| जिन खाद्य पदार्थो में शर्करा ज्यादा पाई जाती हैं और जिनको 120 डिग्री सेल्सियस तक पकाया जाता है, उनमे भी एक्रिलामाइड बनता है-इनमे बिस्किट, क्रेक्स, केक, दालें और कॉफ़ी भी शामिल है|
इन सभी से बचने का उपाय
आलू हो या फिर ब्रेड इनको पकाते समय स्टार्च की मात्रा होती है| जब ये जल जाते है तो इनमे से एक ऐसा पदार्थ निकलता है जिसके सेवन से कैंसर की बिमारी होने का खतरा बढ़ जाता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी यही बताया है कि अगर आलू या ब्रेड को पकाते समय वो जल जाये तो उनको खाने में शामिल नही करना चाहिए| पकाते समय इन चीजों का जितना गहरा रंग होता है उतनी ही मात्रा में एक्रिलामाइड बनता है| हालाँकि इंसानों में ऐसी अभी कोई पुष्ठी नही पाई नही गई है मगर जानवरों में यह रसायन उनके डीनए के लिए जहरीला होता है और इससे कैंसर होता है|